DC Motor के प्रकार। (Types of DC Motor)
(1) DC Series Motor
(2) DC Shunt Motor
(3) DC Compound Motor
DC Compound Motor के भी तीन प्रकार होते है।
(i) Commutative Compound Motor
(ii) Differential Compound Motor
(1) DC Series Motor:- DC Series Motor की Field Winding, Armature के सीरीज में जोड़ी जाती है, इसीलिए इस मोटर को DC Series Motor कहते है। फील्ड वाइंडिंग मोटी तार की व कम टर्नस की होती है, जिसकी वजह से इसका Resistance कम होता है। इस मोटर को Field Winding और Armature Winding दोनों एक समान Current लेते है। मोटर बिना लोड के कम Current लेती है, और जैसे - जैसे लोड बढ़ता है Current भी बढ़ता जाता है। बिना लोड के इस मोटर को स्पीड बहुत ज्यादा होती है, लेकिन लोड के बढ़ने से कम हो जाती है। अगर Starting टार्क की बात करें तो स्टार्टिंग टार्क भी बहुत अधिक होता है, इसलिए इन मोटर्स को वहाँ पर इस्तेमाल किया जाता है जहाँ पर high starting torque की जरूरत होती है और जहाँ पर लोड पहले से मोटर पर दिया रहता है। जैसे कि Metro Train यहाँ पर लोड पहले से ही मोटर पर होता है। इन motors का उपयोग Train, Tram, Crain, DC fan और Conveyors में सबसे ज्यादा किया जाता है, क्योकि यहाँ पर High Starting Torque चाहिए होता है और लोड पहले से ही Motor पर होता है।
(2) DC Shunt Motor:- इन Motor में Field Winding, Armature के Parallel में लगी होती है, और इन्हें DC Shunt Motor कहते है। इस Motor में field winding पतले तार की व अधिक टर्न की होती है, जिसकी वजह से field winding का Resistance अधिक होता है। इन Motors में Field Winding का Current एक समान ही रहता है लेकिन Armature Current लोड पर आधारित होता है। लोड बढ़ने पर बढ़ जाता है और लोड कम होने पर कम हो जाता है। इन मोटर की स्पीड पर लोड का कुछ ज्यादा प्रभाव नही पड़ता। बिना लोड के स्पीड ज्यादा होती है और लोड पड़ने पर थोड़ी सी कम हो जाती है। DC Shunt Motor का उपयोग ज्यादातर Tools में किया जाता है और लेथ मशीनों में भी इस मोटर को इस्तेमाल किया जाता है, क्योकि इन मोटरों की स्पीड हमेशा लगभग एक समान ही रहती है।
Compound Motor:- इन Motors में फील्ड वाइंडिंग सीरीज और पैरेलल दोनों में होती है। सीरीज फील्ड वाइंडिंग मोटी तार और कम टर्न की होती है, इसका Resistance कम होता है। सीरीज फील्ड वाइंडिंग में करंट लोड पर आधारित होता है। कम लोड होगा तो सीरीज वाइंडिंग कम करंट लेगी और अगर ज्यादा लोड होगा तो फील्ड वाइंडिंग ज्यादा करंट लेगी। पैरेलल फील्ड वाइंडिंग पतले तार व अधिक टर्न्स की होती है। इस वाइंडिंग का Resistance भी अधिक होता है। पैरेलल फील्ड वाइंडिंग में करंट लगभग एक समान ही रहता है।
Compound Motor भी दो प्रकार के होते है:-
Cumulative Compound Motor:- Cumulative Compound Motor के सीरीज और पैरेलल वाइंडिंग में करंट एक ही दिशा में Flow होता है। इन मोटरों में स्पीड लोड पर आधारित होती है, बिना लोड के स्पीड अधिक होगी और लोड के बढ़ने के साथ - साथ कम हो जाएगी। इन मोटरों को वहाँ पर इस्तेमाल किया जाता है जहाँ पर लोड एक दम से मोटर पर आ जाता है और फिर चला जाता है। जैसे हैमर, पंचिंग मशीन, शेयरिंग मशीन, लिफ्ट आदि।
Differential Compound Motor:- इन मोटरों में सीरीज और वाइंडिंग एक दूसरे का विरोध करते है। इन मोटरों में ज्यादा लोड होने पर फ्लक्स कम होगा और कम लोड होने पर फ्लक्स ज्यादा होगा। इन मोटरों की ये खासियत है कि इन मोटरों की बिना लोड के कम स्पीड होती है और जैसे - जैसे लोड बढ़ता है स्पीड भी बढ़ती जाती है। इन मोटरों को ज्यादातर Battery Charging के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
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